History and Development of Computer (कंप्यूटर का इतिहास और विकास)

History and Development of Computer
(कंप्यूटर का इतिहास और विकास)

Abacus

कंप्यूटर का इतिहास लगभग 3000 वर्ष पुराना है। जब चीन में गणना मशीन अबेकस का आविष्कार हुआ, तो यह एक यांत्रिक उपकरण है जिसका उपयोग आज भी चीन, जापान सहित एशिया के कई देशों में संख्याओं की गणना करने के लिए किया जाता है। अबेकस तारों का एक ढाँचा है। इन तारों पर मोती (पकी हुई मिट्टी के गोले) पिरोये जाते हैं। प्रारंभ में व्यवसायी गणना के लिए अबेकस का उपयोग करते थे। इस मशीन का उपयोग संख्याओं को जोड़ने, घटाने, गुणा करने और विभाजित करने के लिए किया जाता है। आ रहे हैं।

कंप्यूटर का इतिहास और विकास | Computer Hindi Notes

Blase Pascal

रिवाइंड के बाद कई अन्य यांत्रिक मशीनों की गणना के लिए विकसित किया गया। 17वीं शताब्दी में फ्रांस के गणितज्ञ ब्लेज़ पास्कल (बेज़ पास्कल) ने एक यांत्रिक अंक गणना यंत्र (मैकेनिकल डिजिटल कैलकुलेटर) सन् 1645 में विकसित किया था। इस मशीन को एंडिंग मशीन (जोड़ने की मशीन) कहा जाता था, इसलिए यह केवल जोड़ या घटाव कर सकता था। यह मशीन घड़ी और ओडोमीटर के सिद्धांत पर कार्य करता था। इसमें कई दांतयुक्त चकरीयां (दांतेदार पहिए) शामिल थीं, जो घूमती रहती थीं, 0 से 9 तक के दांतों में चक्रियों के दांत रहते थे, प्रत्येक चक्री का एक स्थानीय मानव होता था, जैसे-इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि में एक चक्री के शिकार के बाद में दूसरी चक्री घूमती थी ब्लेज़ पास्कल की इस ऐडिंग मशीन को पास्कलीन भी कहते हैं|

Blase Pascal

Jacquard’s Loom

सन् 1801 में फ्रेंच बुडकर (वीवर) जोसेफ जेकार्ड (जोसेफ जैक्वार्ड) ने कपड़े बुने के ऐसे लूम (लूम) का अबिष्कार किया जो कपड़ो में डिजाइन (डिजाइन) या पैटर्न (पैटर्न) को डिजाइन के छेदयुक्त पंचकार्डो से नियंत्रित करता था | इस करघे की विशेषता यह थी कि यह कपडे के पैटर्न को कार्डबोर्ड के छेद से युक्त पंचकार्ड से नियंत्रित किया जाता था पंचकार्ड पर संरचना की उपस्थिति या अनुपस्थिति को धागों द्वारा निर्देशित किया जाता था|

Jacquard’s Loom

Charles Babbage

कपर के इतिहास में 19वीं सदी के कोस्टारिक समय का स्वर्णिम युग माना जाता है। ब्रिटिश गणितज्ञ चार्ल्स बैबेज ने एक यांत्रिक गणना मशीन (मैकेनिकल कैलकुलेशन मशीन) विकसित करने की आवश्यकता महसूस की, जब गणना के लिए बनी हुई सारणियों में त्रुटि आ गई थी, यह सारणी हस्त निर्मित (हैंड-सेट) थी इसलिए इसमें त्रुटि आ गई थी |

चार्ल्स बैबेज ने सन् 1822 में एक मशीन का निर्माण किया था जिसका खर्च ब्रिटिश सरकार ने उठाया था। उस मशीन का नाम डिफ्रेंस इंजिन (डिफरेंस इंजन) रखा गया था, इस मशीन में गियर और साफ्ट लगे थे। यह स्टीम से मोटिवेट था। सन् 1833 में चार्ल्स बैबेज ने एनालिटिकल इंजन के रूप में अलग-अलग इंजन विकसित किये जो बहुत ही शक्तिशाली मशीन थी | बेवेज़ के कंप्यूटर के विकास में बहुत बड़ा योगदान रहा है। बैवेज़ का एनालिटिकल इंजिन आधुनिक कंप्यूटर का आधार बना और यही कारण है कि चार्ल्स बेवेज़ को कंप्यूटर विज्ञान का ज्ञान कहा जाता है |

Charles Babbage

Dr. Howard Aiken’s Mark-I

सन् 1940 में विद्युत यांत्रिक कम्प्यूटिंग (Electrometrical Computing) शिखर पर पहुंची थी IBM के चार शीर्ष इलेक्ट्रॉनिक्स और डॉ. हॉवर्ड आइकेन ने 1944 में एक मशीन विकसित की थी जो विश्व का पहला “विधुत मैकेनिकल कंप्यूटर” था और इसका आधिकारिक नाम – स्वचालित अनुक्रम नियंत्रित कैलकुलेटर रखा गया था। इसे हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को सन् 1944 के फरवरी माह में भेजा गया था जो यूनिवर्सिटी को 7 अगस्त 1944 को प्राप्त हुआ था | इसी विश्वविद्यालय में इसका नाम मार्क- I पेड| यह 6 सेकंड में 1 गुणा और 12 सेकंड में 1 भाग कर सकता था|

Dr. Howard Aiken’s Mark-I

A.B.C. (Atanasoff – Berry Computer)

सन् 1945 में एटानासॉफ़ (एटानासॉफ़) और क्लोफ़ोर्ड बेरी (क्लिफ़ोर्ड बेरी) ने एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन का विकास किया जिसका नाम ए.बी.सी.(एबीसी) रखा गया| एबीसी शब्द अटानासॉफ़ बेरी कंप्यूटर का रूप हैं | एबीसी सबसे पहला इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर (इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर) था |

A.B.C. (Atanasoff – Berry Computer)

Final Words

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