MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 4 भारत : अपवाह तन्त्र
Table of content (TOC)
MP Board Class 9th Social Science Solutions Chapter 4 भारत : अपवाह तन्त्र
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 पाठान्त अभ्यास
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
सही विकल्प चुनकर लिखिए
प्रश्न 1.
नदी अपने मार्ग के अन्त में निर्मित करती है (2009, 12)
(i) जल प्रताप
(ii) बाढ़ के मैदान
(iii) डेल्टा या एस्चुरी
(iv) गोखुर झील।
उत्तर:
(iii) डेल्टा या एस्चुरी
प्रश्न 2.
उत्तर भारत की नदियों की विशेषता नहीं हैं
(i) जल प्रतापों की संख्या कम है
(ii) यातायात हेतु उपयोग होता है
(iii) विसर्प नहीं मिलते हैं
(iv) जल की प्राप्ति हिम और वर्षा से होती है।
उत्तर:
(iii) विसर्प नहीं मिलते हैं
प्रश्न 3.
भारत एवं श्रीलंका के मध्य कौन-सी खाड़ी है?
(2009, 10)
(i) खम्भात की खाड़ी
(ii) कच्छ की खाड़ी
(iii) बंगाल की खाड़ी
(iv) मन्नार की खाड़ी।
उत्तर:
(iv) मन्नार की खाड़ी।
प्रश्न 4.
किस नदी को दक्षिण भारत की गंगा कहते हैं? (2009, 12, 15)
(i) नर्मदा नदी
(ii) कृष्णा नदी
(iii) कावेरी नदी,
(iv) गोदावरी नदी।
उत्तर:
(iv) गोदावरी नदी।
प्रश्न 5.
कृष्णा नदी किन राज्यों से प्रवाहित होती है? (2011)
(i) महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
(ii) महाराष्ट्र, उड़ीसा, आन्ध्र प्रदेश
(iii) महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु
(iv) मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा।
उत्तर:
(i) महाराष्ट्र, कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश
रिक्त स्थान पूर्ति
- पाँच नदियों का प्रदेश …………. को कहा जाता है। (2008)
- गंगा नदी ……….. नामक हिमानी से निकलती है।
- नर्मदा नदी मध्य प्रदेश के ………. नामक स्थान से निकलती है।
- हीराकुंड बाँध …………. पर बनाया गया है।
- नागार्जुन सागर बाँध …………. नदी पर बना है।
उत्तर:
- पंजाब
- गंगोत्री
- अमरकंटक पहाड़ी
- महानदी
- कृष्णा।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अपवाह तन्त्र से क्या आशय है?
उत्तर:
अपवाह तन्त्र से आशय किसी क्षेत्र के नदी तन्त्र से है जो विभिन्न दिशाओं से बहकर आती है और मिलकर एक मुख्य नदी का निर्माण करती है।
प्रश्न 2.
नदी अपहरण से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जब एक नदी दूसरी नदी के जल क्षेत्र को अपने में मिला लेती है तो उसे नदी अपहरण कहते हैं।
प्रश्न 3.
गंगा नदी की सहायक नदियों के नाम लिखिए। (2014, 17)
उत्तर:
गंगा नदी की सहायक नदियाँ हैं- यमुना, घाघरा, गण्डक और कोसी।
प्रश्न 4.
सिन्धु नदी की पाँच सहायक नदियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर:
सिन्धु नदी की पाँच सहायक नदियाँ-झेलम, चिनाब, रावी, सतलज और व्यास हैं।
प्रश्न 5.
ब्रह्मपुत्र नदी को बांग्लादेश में किन-किन नामों से जाना जाता है?
उत्तर:
पद्मा और मेघना नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 6.
भारत की पाँच प्रमुख झीलों के नाम लिखिए। (2014)
उत्तर:
भारत की पाँच प्रमुख झील हैं –
- बुलर झील
- लोनर झील
- चिल्का झील
- कोलेरू झील
- पुलीकट झील।
प्रश्न 7.
अरब सागर में गिरने वाली दो नदियों के नाम लिखिए। (2018)
उत्तर:
नर्मदा और ताप्ती नदी।
प्रश्न 8.
पाँच नदियों का प्रदेश किसे कहा जाता है? (2018)
उत्तर:
पाँच नदियों का प्रदेश पंजाब को कहा जाता है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
सिन्धु नदी तन्त्र को समझाइए।
उत्तर:
इस तन्त्र में सिन्धु और उसकी सहायक नदियों को शामिल किया जाता है। सिन्धु नदी की कुल लम्बाई लगभग 2900 किमी है। सिन्धु की पाँच सहायक नदियाँ झेलम, चिनाब, रावी, सतलज और व्यास हैं। इसमें जल प्रवाह की मात्रा वर्ष भर एक समान नहीं रहती है। उसके जल का उपयोग हम पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के दक्षिण पश्चिम भागों में सिंचाई के लिये करते हैं।
प्रश्न 2.
उत्तर भारत की नदियों की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्तर भारत की नदियों की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
- इसमें जल प्रपातों की संख्या कम है।
- इन नदियों का उपयोग यातायात के लिये किया जाता है।
- ये नदियाँ गहरी घाटियों का निर्माण करती हैं।
- इन नदियों के प्रवाह मार्ग में अनेक विसर्प हैं और प्रवाह धाराओं की दिशा भी बदलती रहती है।
- इन नदियों में जल की प्राप्ति हिम और बर्फ से भी होती है।
प्रश्न 3.
नदियाँ अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित करती हैं ? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
देश की अर्थव्यवस्था में नदियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। नदी द्वारा निर्मित मैदानों में कृषि होती है। ये स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करती हैं। पहले इनके किनारों पर ही गाँव और नगर स्थित होते थे। धार्मिक और सांस्कृतिक केन्द्र भी अधिकांशतः इनके तटों पर स्थित हैं। नदियों पर बाँध बनाकर सिंचाई के लिये पानी प्राप्त किया जाता है जिससे कृषि की जाती है। इसके अतिरिक्त विद्युत् उत्पादन भी किया जाता है।
प्रश्न 4.
भारत के समीपवर्ती समुद्रों की स्थिति लिखिए।
उत्तर:
भारत एक प्रायद्वीप है जो तीन तरफ से समुद्र से घिरा हुआ है। भारत के दक्षिण में हिन्द महासागर का विस्तार है। पश्चिमी तट के पश्चिम में अरब सागर एवं पूर्वी तट के पूर्व में बंगाल की खाड़ी है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के पूर्व में अंडमान सागर है। भारत एवं श्रीलंका के मध्य मन्नार की खाड़ी स्थित है। गुजरात के तटवर्ती भाग में खम्भात और कच्छ की खाड़ियाँ हैं।
प्रश्न 5.
नदी प्रदूषण से क्या आशय है? नदियों को प्रदूषण से कैसे बचाया जा सकता है ?
उत्तर:
नदी प्रदूषण से आशय-हम एक ओर तो नदियों को पवित्र मानते हैं और दूसरी ओर इन्हें प्रदूषित करने का प्रयास करते हैं। उद्योगों का कचरा, घरों का गंदा जल, मरे हुए जानवरों को नदियों में प्रवाहित करते हैं। इससे प्रदूषण बढ़ता है। जलकुंभी के विस्तार ने भी नदियों को प्रदूषित किया है।
नदी प्रदूषण कम करने के उपाय –
- प्रदूषण की समस्या के निराकरण के लिए सरकार द्वारा कानून बनाये गये हैं।
- औद्योगिक कचरे को नदियों में प्रवाहित करने पर प्रतिबन्ध लगाया गया है।
- सीवेज लाइनों के जल को परिष्कृत किया जाए।
- सरकार द्वारा समय-समय पर नदियों की सफाई कराई जाए।
- लोगों को नदी प्रदूषण की समस्या के प्रति जागरूक किया जाए।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
उत्तर भारत के अपवाह तन्त्र का स्पष्ट वर्णन कीजिए।
उत्तर:
उत्तरी भारत के अपवाह तन्त्र में हिमालय पर्वत का महत्त्वपूर्ण स्थान है क्योंकि उत्तरी भारत की प्रमुख नदियाँ हिमालय पर्वत से ही निकलती हैं। इसलिए इन नदियों को हिमालय की नदियाँ भी कहते हैं। इस अपवाह तन्त्र की प्रमुख नदियाँ सिन्धु, गंगा और ब्रह्मपुत्र हैं।
(1) सिन्धु नदी तन्त्र :
सिन्धु नदी हिमालय पर्वत के पार कैलाश पर्वत के समीप से निकलकर आती है। इसकी कुल लम्बाई 2900 किमी है। यह तिब्बत के मानसरोवर के पास से निकलकर पश्चिम की ओर बहती हुई जम्मू और कश्मीर के लद्दाख जिले में 500 मीटर ऊँचा एक सुन्दर दर्शनीय गार्ज बनाती हुई बहती है। यहाँ से यह दक्षिण-पश्चिम में बहती हुई पाकिस्तान में प्रवेश कर अन्त में अरब सागर में मिल जाती है। सिन्धु की पाँच सहायक नदियाँ झेलम, चिनाब, रावी, सतलज और व्यास हैं। इसके जल का उपयोग हम पंजाब, हरियाणा एवं राजस्थान के दक्षिण पश्चिम भागों में सिंचाई के लिये करते हैं।
(2) गंगा नदी तन्त्र :
भारत के उत्तरी मैदान की प्रमुख नदी गंगा है। इसकी लम्बाई 2500 किमी. से अधिक है। यह गंगोत्री हिमनद से 4000 मीटर की ऊँचाई से निकलकर शिवालिक श्रेणियों को पार करके हरिद्वार के मैदान में प्रवेश करती है। इसकी सहायक नदियाँ यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी प्रमुख हैं। ये नदियाँ उपजाऊ बाढ़ का मैदान बनाती हैं। इसमें नदी मोड़ तथा गोखुर झीलें पायी जाती हैं। अम्बाला के निकट जल विभाजक द्वारा गंगा एवं सिन्धु नदी के प्रवाह क्षेत्र का विभाजन होता है।
प्रायद्वीपीय भारत की कठोर भूमि से निकलने वाली चम्बल, केन, बेतवा, सोन और दामोदर नदियाँ भी गंगा प्रणाली का अंग हैं। इन पर बड़े-बड़े बाँधों का निर्माण किया गया है जिनसे जल विद्युत् बनाई जाती है और सिंचाई की जाती है। दक्षिण की ओर बहती हुई गंगा डेल्टा बनाते हुए बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। गंगा की मुख्य धारा बांग्लादेश में प्रवेश कर जाती है। ब्रह्मपुत्र नदी से मिलने के बाद यह मेघना कहलाती है।
(3) ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र :
ब्रह्मपुत्र नदी हिमालय के पार मानसरोवर झील के समीप से निकलकर आती है। हिमालय पर्वत के समानान्तर प्रवाहित होती हुई यह अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है। भारत में इसका प्रवाह 1400 किमी है। इसकी सहायक नदियाँ दिबांग, लोहित, धनश्री, कालांग आदि हैं। अधिक वर्षा के क्षेत्र बहने के कारण इसमें अवसाद अधिक होते हैं जिनके जमाव से प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। नदियों का प्रवाह बदलता रहता है। नदी द्वीपों का भी निर्माण होता है। तिब्बत में इसे सांगपो, भारत में ब्रह्मपुत्र एवं बांग्लादेश में पद्मा और मेघना नाम से जाना जाता है। यह बहती हुई विशाल डेल्टा का निर्माण करती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
प्रश्न 2.
उत्तर भारत एवं दक्षिण भारत की नदियों की तुलना कीजिए।
उत्तर:
उत्तरी तथा दक्षिणी भारत की नदियों की तुलना
उत्तरी भारत की नदियाँ | दक्षिणी भारत की नदियाँ |
1. उत्तरी भारत की नदियाँ हिमालय पर्वतमाला से तथा कुछ नदियाँ दक्षिणी पठार के उत्तर ढाल से निकलती हैं। | 1. दक्षिणी भारत की नदियाँ पश्चिमी घाट, अमरकंटक, सतपुड़ा श्रेणी और छोटा नागपुर पठार से निकलती हैं। |
2. उत्तरी भारत की नदियों में कम जल प्रपात पाये जाते हैं। | 2. यहाँ की नदियों पर अधिक जल-प्रताप पाये जाते हैं। |
3. यह नदियाँ गहरे गार्ज बनाती हैं। | 3. दक्षिणी भारत की नदियाँ उथली घाटियों में बहती हैं। |
4. उत्तरी भारत की नदियाँ यातायात के अनुकूल हैं। | 4. दक्षिणी भारत की नदियाँ यातायात के लिए विशेष उपयोगी नहीं हैं। |
5. उत्तरी भारत की नदियाँ गहरे विसर्प बनाती हैं तथा मार्ग भी बदल लेती हैं। | 5. दक्षिणी भारत की नदियों का मार्ग सीधा होता है। |
6. उत्तरी भारत की नदियाँ बाढ़ के समय काँप मिट्टी अपने तटों के दोनों ओर बिछा देती हैं, अतः इनके मैदान अधिक उपजाऊ हैं। | 6. दक्षिणी भारत की नदियाँ कठोर चट्टानों पर से होकर बहती हैं, अतः कम मिट्टी निक्षेप होने से उपजाऊ मैदानों की रचना नहीं होती है। |
प्रश्न 3.
नदियों का अर्थव्यवस्था में क्या महत्त्व है? समझाइए।
उत्तर:
नदियों का देश की अर्थव्यवस्था में निम्नलिखित महत्त्व है –
- पीने के जल की प्राप्ति :
प्राचीनकाल में नदियों से ही पीने के लिए जल प्राप्त किया जाता था। आज भी अनेक गाँवों तथा नगरों में इस आधारभूत आवश्यकता की पूर्ति नदियों द्वारा की जाती है। - सिंचाई सुविधा :
भारत की नदियाँ सदावाहिनी हैं। अतः इनसे नहरें निकालकर सिंचाई की सुविधाएँ जुटाई जाती हैं। नहरें भारत में सिंचाई के महत्त्वपूर्ण साधन हैं जिनसे देश की 45% भूमि सींची जाती है। - उपजाऊ मृदा का निर्माण :
भारत की नदियाँ पर्वत से उपजाऊ मृदा बहाकर लाती हैं तथा इस मृदा को मैदानी भागों में बिछाकर उपजाऊ काँप मृदा का निर्माण करती हैं। यह उपजाऊ भूमि कृषि के लिए अत्यन्त उपयोगी होती है। - जल-विद्युत् शक्ति का उत्पादन :
उत्तर भारत की नदियों पर बाँध बनाकर तथा दक्षिण भारत की नदियों के प्राकृतिक प्रपातों पर जल विद्युत् बनायी जाती है। जल-विद्युत् ने उद्योग-धन्धों के विकास में बहुत सहयोग दिया है। - बालू की प्राप्ति :
नदियों के किनारों पर बालू पायी जाती है। इस बालू का प्रयोग भवन निर्माण व काँच उद्योग में किया जाता है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 अन्य परीक्षोपयोगी प्रश्न
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
बहु-विकल्पीय प्रश्न
प्रश्न 1.
अपवाह तन्त्र शब्द से आशय किसी क्षेत्र के
(i) वायु तन्त्र से है
(ii) नदी तन्त्र से है
(iii) जल तन्त्र से है
(iv) पर्वत तन्त्र से है।
उत्तर:
(ii) नदी तन्त्र से है
प्रश्न 2.
नर्मदा नदी निकलती है
(i) सतपुड़ा से
(ii) अमरकंटक से
(iii) विन्ध्याचल से
(iv) हिमालय से।
उत्तर:
(ii) अमरकंटक से
प्रश्न 3.
गोदावरी नदी को भारत के किस क्षेत्र की गंगा कहते हैं?
(i) पूर्व
(ii) पश्चिम
(iii) उत्तर
(iv) दक्षिण।
उत्तर:
(iv) दक्षिण।
प्रश्न 4.
गंगा नदी की लम्बाई लगभग है
(i) 2500 किमी से अधिक
(ii) 4000 किमी से अधिक
(iii) 1500 किमी से अधिक
(iv) 5000 किमी से अधिक।
उत्तर:
(i) 2500 किमी से अधिक
प्रश्न 5.
अलमाटी और नागार्जुन सागर बाँध किस नदी पर बनाये गये हैं?
(i) कृष्णा
(ii) कावेरी
(iii) गोदावरी
(iv) नर्मदा।
उत्तर:
(i) कृष्णा
प्रश्न 6.
अरब सागर में गिरने वाली नदी है
(i) गंगा
(ii) नर्मदा
(iii) महानदी
(iv) ब्रह्मपुत्र।
उत्तर:
(ii) नर्मदा
प्रश्न 7.
सांभर झील किस राज्य में स्थित है?
(i) आन्ध्र प्रदेश
(ii) राजस्थान
(iii) उड़ीसा
(iv) तमिलनाडु।
उत्तर:
(ii) राजस्थान
रिक्त स्थान पूर्ति
- चिल्का झील …………. राज्य में स्थित है। (2013, 17)
- जलकुंभी के विस्तार ने भी नदियों को ……….. किया है।
उत्तर:
- उड़ीसा
- प्रदूषित।
सत्य/असत्य
प्रश्न 1.
हीराकुंड बाँध नर्मदा नदी पर बनाया गया है। (2009)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 2.
देश की अर्थव्यवस्था में नदियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। (2013)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 3.
वुलर झील जम्मू और कश्मीर राज्य में स्थित है। (2009)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 4.
भारत और श्रीलंका के बीच खम्भात की खाड़ी है। (2012)
उत्तर:
असत्य
प्रश्न 5.
सिन्धु नदी की कुल लम्बाई लगभग 2900 किमी है। (2012)
उत्तर:
सत्य
प्रश्न 6.
चिल्का झील बिहार में स्थित है। (2013)
उत्तर:
असत्य
सही जोड़ी मिलाइए
उत्तर:
- → (ख)
- → (घ)
- → (क)
- → (ङ)
- → (ग)
- → (च)।
एक शब्द/वाक्य में उत्तर
प्रश्न 1.
किस नदी को दक्षिण भारत की गंगा कहते हैं? (2017)
उत्तर:
गोदावरी नदी
प्रश्न 2.
नर्मदा नदी किस प्रदेश से निकलती है?
उत्तर:
मध्य प्रदेश
प्रश्न 3.
गंगा नदी एवं ब्रह्मपुत्र मिलने पर कहलाती है।
उत्तर:
मेघना
प्रश्न 4.
प्रायद्वीप नदियों की विशेषता है।
उत्तर:
मौसमी
प्रश्न 5.
तीनों ओर से समुद्र से घिरा क्षेत्र कहलाता है।
उत्तर:
प्रायद्वीप
प्रश्न 6.
सांगपो नदी को भारत में किस नाम से जाना जाता है? (2008)
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 अति लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
भारतीय अपवाह तन्त्र के आधार पर भारतीय नदियों को कितने भागों में बाँटा जा सकता है?
उत्तर:
भारतीय अपवाह तन्त्र के आधार पर भारतीय नदियों को दो वर्गों में बाँटा जा सकता है
- हिमालय की नदियाँ
- प्रायद्वीपीय नदियाँ।
प्रश्न 2.
भ्रंश से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
आन्तरिक हलचलों के कारण भू-पृष्ठ पर पड़ी दरारें जिनके सहारे चट्टानें खिसक जाती हैं, भ्रंश कहलाते हैं।
प्रश्न 3.
नदी द्वारा लाए गये मलबे के निक्षेप से मैदानी क्षेत्र में बनी घुमावदार आकृति को क्या कहते हैं? (2009)
उत्तर:
विसर्प।
प्रश्न 4.
आन्तरिक अपवाह से क्या समझते हैं?
उत्तर:
आन्तरिक अपवाह एक ऐसा अपवाह तन्त्र होता है जिसमें नदियों का जल महासागरों में नहीं पहुँचता वरन् आन्तरिक समुद्रों या झीलों में गिरता है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
क्या कारण है कि हिमालय से निकलने वाली नदियाँ सदावाहिनी होती हैं?
अथवा
उत्तर भारत की नदियों में वर्षभर पानी क्यों रहता है? (2015, 17)
उत्तर:
हिमालय पर्वत से निकलने वाली नदियों की मुख्य विशेषता है कि यह सदावाहिनी (वर्ष भर पानी रहता है) होती हैं। क्योंकि इस क्षेत्र की नदियों को वर्षा के जल के अतिरिक्त ऊँचे पर्वतों से हिम के पिघलने से जल की आपूर्ति होती रहती है।
प्रश्न 2.
ब्रह्मपुत्र नदी तन्त्र को समझाइए।
उत्तर:
कैलाश पर्वत एवं मानसरोवर झील के निकट इसका उद्गम है। हिमालय पर्वत के समानान्तर प्रवाहित होती हुई यह अरुणाचल में प्रवेश करती है। इसकी सहायक नदियाँ दिबांग, लोहित, धनश्री, कालांग आदि हैं। अधिक वर्षा के क्षेत्र में बहने के कारण इसमें अवसाद अधिक होते हैं, जिनके जमाव से इसमें प्रतिवर्ष बाढ़ आती है। यह बहती हुई विशाल डेल्टा का निर्माण करती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है।
प्रश्न 3.
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की विशेषताएँ हैं कि ये मौसमी हैं। शुष्क क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं। इनकी लम्बाई भी हिमालय से निकलने वाली नदियों से कम है। ये गहरे जमाव के मैदान नहीं बनाती हैं। प्रायद्वीपीय भारत में मुख्य जल विभाजक का निर्माण पश्चिमी घाट द्वारा होता है जो पश्चिमी तट के निकट उत्तर से दक्षिण में स्थित है। प्रायद्वीपीय भाग की अधिकतर नदियाँ, जैसे-महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी पूर्व की ओर बहते हुए बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं। ये डेल्टा भी बनाती हैं।
प्रश्न 4.
लम्बी धारा होने के बावजूद तिब्बत के क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र में कम गाद क्यों है?
उत्तर:
ब्रह्मपुत्र नदी कैलाश पर्वत एवं मानसरोवर झील के निकट से निकलती है। तिब्बत के पठार पर बहती हुई पूर्व में भारत में प्रवेश करती है। जिस स्थान से यह नदी निकलती है वह सदैव बर्फ से ढंका रहता है तथा तिब्बत का क्षेत्र एक पठारी भाग होने के कारण वहाँ पर अपरदन क्रिया नहीं के बराबर होती है। इसलिए ब्रह्मपुत्र नदी कम अवसाद लाती है।
प्रश्न 5.
नर्मदा अपवाह तन्त्र की मुख्य विशेषताएँ बताइए।
उत्तर:
इसकी मुख्य विशेषताएँ निम्न प्रकार हैं –
- नर्मदा नदी का उद्गम मध्य प्रदेश में अमरकंटक पर्वत क्षेत्र है।
- यह यहाँ से पश्चिम की ओर भू-भ्रंश घाटी में बहती हुई 1312 किमी का मार्ग तय करके अरब सागर में मिलती है।
- अपने मुहाने पर यह कीप के आकार की गहरी घाटी में बहकर समुद्र में मिलती है।
MP Board Class 9th Social Science Chapter 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
प्रायद्वीपीय भारत की नदियों का वर्णन कीजिए।
अथवा
दक्षिण भारत में नदी-तन्त्र का स्पष्ट वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दक्षिण भारत नदी तन्त्र में प्रमुख नदियाँ पश्चिमी घाट से निकलकर आती हैं तथा पूर्व की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में मिल जाती हैं। इन नदियों में महानदी, गोदावरी, कृष्णा तथा कावेरी प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त पश्चिम की ओर बहने वाली दो नदियाँ नर्मदा तथा तापी अरब सागर में गिरती हैं।
- नर्मदा नदी :
यह नदी मध्य प्रदेश में अमरकंटक पहाड़ी से निकलकर गहरी भ्रंश घाटी में 1312 किमी बहती हुई अरब सागर में गिरती है। इसका प्रवाह क्षेत्र मध्य प्रदेश और गुजरात में है। यह जबलपुर के निकट संगमरमर के शैलों में भेड़ाघाट पर धुंआधार जलप्रपात बनाती है। - ताप्ती नदी :
यह नदी मध्य प्रदेश में सतपुड़ा पर्वत श्रृंखलाओं में बैतूल जिले के मुल्ताई नामक स्थान से निकलती है। इसकी लम्बाई 724 किमी है। यह मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहती हुई खम्भात की खाड़ी में गिरती है। - गोदावरी नदी :
गोदावरी नदी नासिक के पास पश्चिमी घाट से निकलकर 1500 किमी उड़ीसा तथा आन्ध्र प्रदेश में बहती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरती है। इसकी सहायक नदियाँ वर्धा, मांजरा, वेन गंगा तथा पेन गंगा हैं। बड़े आकार और विस्तार के कारण इसे दक्षिण की गंगा भी कहते हैं। - महानदी नदी :
इस नदी का उद्गम छत्तीसगढ़ की उच्च भूमि में सिहावा नामक स्थान से है। इसकी लम्बाई 858 किमी है। यह महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखण्ड और उड़ीसा में बहती है। हीराकुड बाँध इसी नदी पर बनाया गया है। - कृष्णा नदी :
कृष्णा नदी महाराष्ट्र में महाबलेश्वर के पास से निकलती है। इसकी लम्बाई 1400 किमी है। कोयना, पचगंगा, मालप्रभा, घाटप्रभा, भीमा, मूसी और तुंगभद्रा इसकी सहायक नदियाँ हैं। अलमाटी और नागार्जुनसागर बाँध इसी नदी पर बनाये गये हैं। - कावेरी नदी :
इसका उद्गम कुर्ग की ब्रह्मगिरि पहाड़ी श्रृंखला से होता है। इसकी लम्बाई 760 किमी है। इसकी सहायक नदियाँ हेमावती, अमरावती, भवानी आदि हैं। शिवसमुद्रम् इसका प्रमुख प्रपात है। इस नदी से जल विद्युत् बनायी जाती है एवं सिंचाई की जाती है।