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मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 25 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट

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मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 25 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 25 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 40 दिन बीत जाने के बाद भी इन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है।

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 25 हजार अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट


क्यों है संकट?

  • खराब रिजल्ट: 30 प्रतिशत से कम अंक लाने वाले 13 हजार अतिथि शिक्षकों को दोबारा नियुक्त नहीं किया जाएगा।
  • उच्च पद प्रभार: उच्च पद प्रभार की प्रक्रिया में करीब एक हजार अतिथि शिक्षक बाहर हो सकते हैं।
  • स्थानांतरण: शिक्षकों के स्थानांतरण से करीब 3 हजार अतिथियों पर संकट आ सकता है।
  • नई भर्ती: वर्ग-1 शिक्षक भर्ती होने पर करीब 8 हजार अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पर खतरा मंडरा रहा है।

अतिथि शिक्षक संघ का कहना

अतिथि शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार को 40 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति वाले शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा करनी चाहिए। उसके बाद ही किसी तरह की कार्रवाई की जानी चाहिए।

शिक्षा विभाग का कहना

शिक्षा विभाग का कहना है कि 30 प्रतिशत से कम रिजल्ट वाले स्कूलों के शिक्षकों और प्राचार्यों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

प्रदेश के स्कूलों में शिक्षकों की कमी

प्रदेश के एक हजार स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं। ऐसे में ये स्कूल अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं।

क्या हैं इस संकट के मायने?

  • छात्रों का भविष्य: अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में देरी से छात्रों का शैक्षणिक स्तर प्रभावित हो सकता है।
  • शिक्षा व्यवस्था: इस संकट से राज्य की शिक्षा व्यवस्था पर गहरा असर पड़ सकता है।
  • अर्थव्यवस्था: शिक्षकों की नौकरी जाने से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ सकता है।

आगे क्या होगा?

यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस संकट से कैसे निपटती है। क्या सरकार अतिथि शिक्षकों को स्थायी करेगी या फिर नई भर्ती करेगी? इन सवालों के जवाब आने वाले समय में मिलेंगे।

अन्य महत्वपूर्ण बिंदु

  • शैक्षणिक सत्र शुरू होने के 40 दिन बाद भी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाना चिंता का विषय है।
  • सरकार को इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय लेना चाहिए।
  • अतिथि शिक्षकों के हितों की रक्षा होनी चाहिए।
  • छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाना चाहिए।

निष्कर्ष

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की नौकरी पर संकट एक गंभीर मुद्दा है। इस मुद्दे पर सभी संबंधित पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

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