माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस या माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक्सेस एक प्रकार का डेटाबेस मैनेजमेन्ट सिस्टम है । इसे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी में रिलेशनल माइक्रोसॉफ्ट जेट डेटा बेस इंजन को ग्राफिकल यूजर इण्टरफेस और साफ्टवेयर डेवलेपमेन्ट टूल्स के साथ कम्बाइन ( Combine ) करके बनाया है ।
सॉफ्टवेयर डेवलपर्स , माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस का प्रयोग
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर ( Application Software ) को डेवलप करने के लिए करते हैं । यह ऑफिस के अन्य अनुप्रयोगों ( Applications ) की तरह बेसिक फॉर एप्लीकेशन ऑब्जेक्ट ओरियन्टेड प्रोग्रामिंग , एक्टिवएक्स ( Activex ) डेटा ऑब्जेक्ट और अन्य एक्टिवएक्स कम्पोनेन्ट्स को सपोर्ट करता है ।
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माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस के अवयव ( Component Of MS Access )
एम एस – एक्सेस के अन्दर चार मुख्य अवयव होते हैं
1. सारणी ( Table )
टेबल में कॉलमों और पक्तियों के प्रतिच्छेद ( Intersection ) से सेल बनता है । टेबल बहुत सारी सेलों का संगठन होता है । इसका प्रयोग डेटा को व्यवस्थित रूप मे स्टोर करने के लिए करते हैं । इसमें प्रत्येक रिकार्ड एक पंक्ति होती है तथा प्रत्येक फील्ड एक कॉलम होता है ।
2. क्वैरीज ( Queries )
किसी सारणी या डेटाबेस से कुछ शर्तों को पूरा करने वाला डेटा निकालने के लिए जो आदेश दिया जाता है उसे क्वैरी कहा जाता है । किसी क्वैरी के उत्तर में जो सूचनाएँ या रिकार्ड प्राप्त होता है उसे डायनासेट ( Dynaset ) कहा जाता है ।
एम एस – एक्सेस में मुख्यतः पाँच प्रकार की क्वैरी होती हैं
( i ) सेलेक्ट क्वैरी ( Select Query )
किसी दिए हुए शर्त के अनुसार डेटा ढूँढने या चुनने के लिए सेलेक्ट क्वैरी का प्रयोग करते हैं ।
( ii ) पैरामीटर क्वैरी ( Parameter Query )
पैरामीटर क्वैरी में पहले कुछ पैरामीटर दिया जाता है तथा उस पैरामीटर के आधार पर यह क्वैरी डेटा सर्च करता है । पैरामीटर देने के लिए इसमें एक डायलॉग बाक्स होता है ।
( iii ) क्रॉस टैब ( Cross Tab )
इस क्वैरी का प्रयोग सूचनाओं का सारांश कॉलमों तथा पंक्तियों में प्राप्त करने के लिए होता है ।
( iv ) एक्शन क्वैरी ( Action Query )
इसके द्वारा आप दी हुई शर्तों के अधीन कार्य करते हैं , जैसे कुछ शर्तों के पूरा होने पर रिकार्ड को बदलना या हटाना आदि ।
( v ) SQL क्वैरी ( SQL Query )
यह एक प्रकार की एडवांस क्वैरी होती है जो SQL Statement के प्रयोग से तैयार की जाती है ।
3. रिपोर्ट ( Reports )
सरल शब्दों में कोई रिपोर्ट एक ऐसा डायनासेट होता है जिसे कागज पर छापा जा सकता है । आप किसी डायनासेट की सूचनाओं को किन्ही आधारों पर समूह बद्ध कर सकते हैं और विभिन्न योगों और अनुयोंगों के साथ भी छाप सकते हैं ।
4. फार्म ( Forms )
फार्म स्क्रीन पर एक ऐसी विण्डो होती है जिसकी सहायता से आप किसी सारणी में भरे गए डेटा को देख सकते हैं और नया डेटा जोड़ सकते हैं ।
एम एस एक्सेस को प्रारम्भ करना ( To Start MS – Access )
एम एस एक्सेस को प्रारम्भ करने के दो तरीके हैं
1. डेस्कटॉप पर उपलब्ध एम एस एक्सेस के शॉर्टकट पर दो बार क्लिक करके खोल सकते हैं ।
2 . स्टार्ट मेन्यू पर क्लिक करें । उसके बाद ऑल प्रोग्राम्स ( All Programs ) पर क्लिक करें । ऑल प्रोग्राम्स में से एम एस ऑफिस चुनें । उसके बाद माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस एक्सेस 2007 को चुनकर उस पर क्लिक करें ।
Start → All Programs → MS Office → Microsoft Office Access 2007
एम एस एक्सेस टेम्पलेट्स ( MS Access Templates )
यह एक पहले से परिभाषित सारणियों , फार्मों , रिपोर्टों , मैक्रोज ( Macros ) और रिलेशनशिप का एक पूर्ण रूप से ट्रैकिंग एप्लीकेशन ( Complete tracking application ) है ।
एम एस एक्सेस निम्नलिखित प्रकार के डेटा बेस टेप्लेट का संगठन होता है ; निम्न हैं
1. TACH ( Assets )
इसका प्रयोग एक एसेट्स डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के एसेट्स की डिटेल्स , उनके मालिक ( Owner ) , आदि के बारे में सूचना की जाती है तथा उन सूचनाओं की देख – रेख की जाती है ।
2. कॉन्टैक्ट्स ( Contacts )
इसका प्रयोग एक कॉन्टैक्ट डेटाबेस बनाने के लिए करते हैं , जिसमें लोगों की सूचनाओं को स्टोर किया जाता है तथा उसे मैनेज ( Manage ) किया जाता है।
3. ईवेन्ट्स ( Events )
इसका प्रयोग एक इवेन्ट्स डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं । इसमें विभिन्न प्रकार के होने वाले इवेन्ट्स को स्टोर किया जाता है , तथा उसे ट्रैक किया जाता है
4. फैकल्टी ( Faculty )
इसका प्रयोग एक फैकल्टी डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं । इसमें एक फैकल्टी से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ जैसे कि फैकल्टी का नाम , कॉन्टैक्ट और एजुकेशन आदि को स्टोर किया जाता है
5. मार्केटिंग प्रोजेक्ट्स ( Marketing Projects )
इसका प्रयोग मार्केटिंग प्रोजेक्ट्स डेटा बेस बनाने के लिए किया जाता है । इसमें मार्केटिंग प्रोजेक्ट से सम्बन्धित सूचनाएँ , जैसे कि प्रोजेक्ट कब स्टार्ट करना है , कब समाप्त करना है तथा उसकी डिलेवरी कब करनी है आदि को स्टोर किया जाता है।
6. स्टूडेन्ट्स ( Students )
इसका प्रयोग एक स्टूडेन्ट डेटा बेस बनाने के लिए करते हैं । इसमें एक स्टूडेन्ट्स से सम्बन्धित विभिन्न प्रकार की सूचनाएँ जैसे कि उसका नाम , पिता का नाम , का कान्टैक्ट नम्बर आदि को स्टोर किया जाता है । इसी प्रकार एम एस एक्सेस डेटाबेस में कुछ अन्य प्रकार के टेम्पलेट्स जैसे कि इस्यूड ( Issued ) , प्रोजेक्टस ( Projects ) सेल्स पाइपलाइन ( Sales Pipeline ) और टॉस्कस ( Tasks ) उपलब्ध हैं ।
एम एस – एक्सेस के तत्त्व ( Elements of MS Access )
एम एस – एक्सेस में प्रत्येक कार्य के लिए निम्नलिखित तत्त्व होते हैं
1. फील्ड नेम ( Field Name )
यह एक लेबल होता है जो किसी विशेष फील्ड के बारे में बताता है कि इस फील्ड में किस प्रकार की सूचनाएँ या डेटा स्टोर कर सकते हैं । किसी टेबल में फील्ड का नाम अद्वितीय ( Unique ) होना चाहिए । इसे फील्ड आइडेन्टिटी ( Field Identity ) भी कह सकते हैं।
2. फील्ड टाइप / डेटा टाइप ( Field Type / Data Type )
ये बताता है कि फील्ड में किस प्रकार का डेटा स्टोर किया जा सकता है । डेटा केवल टेक्स्ट भी हो सकता है और केवल नम्बर भी हो सकता है या इन दोनों के संयोग ( Combination ) से भी डेटा बन सकता है । एम एस – एक्सेस में किसी डेटा टाइप की डिफॉल्ट साइज ( Default Size ) 50 होती हैं
इसमें विभिन्न प्रकार के डेटा टाइप होते हैं
3 . फील्ड लेन्थ ( Field length )
फील्ड लेन्थ ( Field length ) का तात्पर्य है कि किसी फील्ड में अधिक से अधिक कितने कैरेक्टर स्टोर किए जा सकते हैं ।
4. प्राइमरी की ( Primary Key )
यह विशेष प्रकार की की ( Key ) होती है , जिसका प्रयोग किसी रिकार्ड को अद्वितीय रूप से पहचानने के लिए करते हैं । यदि किसी फील्ड को प्राइमरी की बना दिया गया है तो उस फील्ड को खाली नहीं छोड़ सकते 8 bytes 4 bytes upto 1 GB
5. वेलिडेशन रूल ( Validation Rule )
यह एक प्रकार की वैलिडिटी चेकिंग है । इसमें डेटा को फील्ड में भरने से पहले उसकी वैधता की जाँच होती है यदि डेटा की वैधता सही है तो डेटा फील्ड मे भर जाता है अन्यथा त्रुटिसन्देश प्रिन्ट करता है ।
6. एम एस एक्सेस व्यू ( MS – Access View )
एम एस – एक्सेस व्यू में दो प्रकार के व्यू होते हैं जिनका प्रयोग टेबल बनाने तथा उसके फील्ड ( कॉलम ) को सेट करने के लिए करते हैं ।
( i ) डेटा शीट व्यू ( Data Sheet View )
इसका प्रयोग डेटा बेस में डेटा को दिखाने के लिए करते हैं यह डेटा बेस में डेटा को एण्टर करने तथा उसे एडिट ( Edit ) करने की अनुमति प्रदान करता है किन्तु इस व्यू में डेटा बेस को बदला नहीं जा सकता है इस व्यू में कॉलम का नाम भी सेट कर सकते हैं और नए कॉलम को जोड़ भी सकते हैं ।
( ii ) डिजाइन व्यू ( Design View )
इस व्यू का प्रयोग किसी टेबल को डिजाइन करने तथा डिजाइन की गयी टेबल में परिवर्तन करने के लिए होता है । टेबल डिजाइन करने का तात्पर्य यह है कि टेबल में फील्ड का नाम तथा उसका डेटा टाइप सेट करना । इसके द्वारा हम टेबल में अनेक प्रकार की कीज ( Keys ) जैसे कि प्राइमरी की , कैन्डिडेट की आदि सेट करते हैं ।
7. फिल्टरिंग डेटा ( Filtering Data )
यह किसी विशेष फिल्टर क्राइटेरिया ( Criteria ) के आधार पर किसी टेबल से सिर्फ उन रिकार्डों को दिखाता है जो दी हुई क्राइटेरिया के अन्तर्गत आते हैं ।
8. रिलेशनशिप ( Relationship )
यह दो या दो से अधिक टेबल के बीच में अन्तर सम्बन्धों को बताता है । रिलेशनशिप को तीन भागों में बाँटा गया है- वन टू वन ( One to One ) , टू मेनी ( One to Many ) और मेनी टू मेनी ( Many to Many ) ।
9. एट्रीब्यूट्स ( Attributes )
किसी रिकॉर्ड की प्रोपर्टीज को एट्रीब्यूट्स ( Attributes ) कहते हैं । जिसके प्रयोग से हम किसी रिकार्ड को व्यवस्थित तरीके से पहचानते हैं ।
माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक ( Microsoft Outlook )
माइक्रोसॉफ्ट आउटलुक एक प्रकार का पर्सनल इनफॉर्मेशन मैनेजर और ई – मेल कम्प्युनिकेशन सॉफ्टवेयर इसे माइक्रोसॉफ्ट कम्पनी ने बनाया था और यह एमएस – ऑफिस का एक सॉफ्टवेयर है । इसका मुख्य प्रयोग किसी को मेल भेजने के लिए करते हैं।
इसे ई – मेल क्लाइन्ट ( Email Client ) के नाम से भी जानते हैं । इसमें कैलेण्डर , टास्क मैनेजर , कॉन्टैक्ट मैनेजर , नोट मेकिंग ( Note making ) , जर्नल ( Journal ) और वेब ब्राउजिंग ( Web Browsing ) की सुविधा भी उपलब्ध हैं । इसे स्टैण्ड अलोन एप्लीकेशन ( Stand Alone Application ) की तरह प्रयोग किया जा सकता है । यदि किसी संगठन ( Organization ) में एक से अधिक उपयोगकर्ता हो माइक्रोसॉफ्ट एक्सचेंज सर्वर ( Microsoft | Exchange Server ) और माइक्रोसॉफ्ट शेयरपॉइण्ट सर्वर ( Microsoft Sharepoint Server ) का प्रयोग करना अत्यन्त लाभदायी होता है ।
इन्हें भी जानें
1. एम एस – एक्सेस का फाइल फॉर्मेट ( .accdb ) होता है ।
2. मेमो का प्रयोग बहुत बड़ी संख्या के टेक्स्ट को स्टोर कराने के लिए होता है लेकिन इसमें सिर्फ टेक्सचुअल ( Textual ) डेटा ही स्टोर कराते हैं ।
3. OLE आब्जेक्ट , का पूर्ण रूप आब्जेक्ट लिकिंग एण्ड एम्बेडिंग ( Object Linking and Embedding ) है । इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के आब्जेक्ट ; जैसे कि वीडियो क्लिप , पिक्चर , वर्ड डॉक्यूमेन्ट आदि को स्टोर कराने के लिए करते हैं ।
4. एक कैरेक्टर को स्टोर करने के लिए एक बाइट की आवश्यकता होती है
5. यदि वेलिडेशन रूल सन्तुष्ट नहीं हुआ तो फलस्वरूप वेलिडेशन टेक्स्ट दिखाई देता है ।
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