जड़त्व और जड़त्वीय निर्देश तंत्र तथा गैलीलियन रूपांतरण प्रश्न प्रश्नावली (Exercise) galilean transformation
inertia and inertial reference system and galilean transformation जड़त्व और जड़त्वीय निर्देश तंत्र तथा गैलीलियन रूपांतरण प्रश्न प्रश्नावली ?
प्रश्नावली (Exercise)
सैद्धांतिक वर्णनात्मक प्रश्न (Theoretical Descriptive Questions)
- निर्देश तन्त्र से आप क्या समझते हैं जड़त्वीय एवं अजड़त्वीय तन्त्र क्या हैं? स्पष्ट व्याख्या कीजिये।
- गैलीलियन रूपान्तरण क्या है ? यदि किसी समय t = t = t0 पर संपाती हों S तथा तन्त्र S’ एकसमान वेग V से गति कर रहा है तो हम रूपान्तरण समीकरण ज्ञात कीजिये। ‘तन्त्र के अक्ष S तन्त्र अक्षों के समान्तर हैं।
- गैलीलियन निश्चरता से आप क्या समझते हैं ? वेग, त्वरण एवं बल एक जडत्वीय निर्देश तन्त्र में किस प्रकार रूपान्तरित होते है।
- गैलीलियन रूपान्तरण क्या है? सिद्ध कीजिये कि किसी जडत्वीय तंत्र के सापेक्ष नियत वेग से। गतिमान तन्त्र भी जड़त्वीय होगा।
- सिद्ध कीजिये कि गैलीलियन रूपान्तरण में दो बिन्द क गलीलियन रूपान्तरण में दो बिन्दओं के मध्य दूरी या विस्थापन अचर रहता है।
- यदि प्रारंभ में तन्त्र S’ के मूल बिन्दु का स्थिति सदिश तन्त्र s में r0 है तथा तन्त्र S’ नियत वेग V भी दिशा में गति कर रहा है तो कण के स्थिति सदिश के रूपान्तरण समीकरण ज्ञात कीजिये।
- सिद्ध करो कि जड़त्वीय तन्त्र के सापेक्ष समरूप वेग से गतिशील तन्त्र भी जड़त्वीय होता है।
- जड़त्वीय तथा अजड़त्वीय निर्देश तन्त्रों में अन्तर स्पष्ट कीजिये।।
- दो स्थिर कार्तीय निर्देश तन्त्र, जिनके मूल बिन्दू उभयनिष्ठ हैं, एक दूसरे पर किसी कोण से झुके हुए हैं तो इनके लिए गैलीलियन रूपान्तरण ज्ञात कीजिये।
- अजडत्वीय तन्त्र क्या होता है ? दो तन्त्र S व S’ इस प्रकार है कि उनके मूल बिन्दु एक ही बिन्दु परतथा Z-अक्ष सपाती है। तन्त्र S’ उनके उभय Z-अक्ष के चारों तरफ एकसमान कोणीय वेग से घूम रहा है। सिद्ध कीजिये कि यदि S एक जड़त्वीय तन्त्र है तो S’ एक अजड़त्वीय तन्त्र होगा। 11. एक जड़त्वीय निर्देश तन्त्र की परिभाषा दीजिये। उन प्रतिबन्धों का उल्लेख कीजिये जिनके रहते पृथ्वी पर स्थित एक निर्देश तन्त्र को जडत्वीय तन्त्र माना जा सके।
- दो तन्त्र S व S’ इस प्रकार है कि इनके मूल बिन्दु एक ही बिन्दु पर तथा Z-अक्ष संपाती है। फ्रेम S’ दोनों के उभय Z-अक्ष के चारों तरफ एकसमान कोणीय वेग से घूम रहा है। दोनों निर्देश तन्त्रों को सम्बन्धित करने वाले निर्देशाकों के रूपान्तरण समीकरण ज्ञात कीजिए।
- सिद्ध कीजिय कि गैलीलियन रूपानतरण में संवेग परिवर्तित हो जाता है परन्तु संवेग संरक्षण सिद्धान्त अपरिवर्ती रहता है।
- संवेग सरंक्षण सिद्धांत को यथार्थ मान कर सिद्ध कीजिये कि गैलीलियन रूपान्तरण में ऊर्जा संरक्षण नियम अपरिवर्ती होता है।
संख्यात्मक प्रश्न (Numerical Questions)
1 एक चिडिया 40 किमी./घण्टा के वेग से उतर दिशा में उड़ रही है। एक रेलगाडी 40 किमी के वेग से पर्व दिशा में जा रही है। रेलगाड़ी में बैठे एक यात्री को चिड़िया किस वेग से तथा किस दिशा में उडती दिखाई देगी?
उत्तर:56.56 किमी./घण्टा, उतर-पश्चिम दिशा में।
2.एक साइकिल सवार उत्तर की ओर 10 किमी./घण्टा के वेग से जा रहा है। उसे प्रतीत होता है सिवाय पश्चिम से आ रही है। जब वह अपना वेग दुगुना कर देता है तब उसे वायु उत्तर-पश्चिम से आती प्रतीत होती है तो वायु का वेग ज्ञात कीजिये।।
उत्तर : 10-2 किमी./घण्टा, दक्षिण-पश्चिम दिशा में|
3.एक हवाई जहाज का पायलेट पर्व दिशा में 100 किमी. दूर स्थित लक्ष्य पर 20 मिनट में पहुंचना य उत्तर-पर्व की ओर से 15 किमी./घण्टा के वेग से आ रही है तो वायु के सापेक्ष हवाई जहाज का वेग ज्ञात करो। उत्तर : (300 + 15 /2) +I +15/ √2 j ]
हवाई जहाज का वेग ज्ञात करो।
(उत्तर : (300 + 15/√2) I + 15/√2 j i
- एक मनुष्य 4 किमी./घण्टा की चाल से स्थिर जल में नाव चला सकता है घण्टा का चाल से स्थिर जल में नाव चला सकता है। नदी में जल की ‘धारा का वेग 2 किमी./घण्टा है।
- वह नाव को किस दिशा में चलाये जिससे कि वह दूसरे किनारे के उस बिन्दु पर पहुचे जो उसके प्रारंभिक बिन्दु के ठीक सामने है?
- यदि नदी 4 किमी. चौडी है तो उसको पार करने में कितना समय लगेगा।
- यदि नदी का कम से कम समय में पार करने के लिए अपनी नाव को किसा दशा में चलायें
उत्तर- (i) नदी के किनारे से 60° जल की धारा के विपरीत, (ii) 1.15 घण्टे, (iii) 90°]
- एक निर्देश तन्त्र में 10 समय पर दो कणों की स्थितियाँ – 9 i + 2 j – 7 k तथा 3 i – 5 j + 4 k मीटर यदि प्रथम कण का वेग(i + 2 j) मीटर/सेकण्ड हो तो t = 7 सेकण्ड पर परस्पर टक्कर होने के लिए दूसरे कण का क्या वेग होगा? (उत्तर : – 1/7(-5 i + 21 j – 11 k) मी./से.]
- किसी क्षण दो कणों की स्थितियाँ क्रमशः 4 i -4 j + 7 k तथा 2 i + 2 j – 5 k मीटर हैं। यदि पहले कण का वेग 4(i – j + K) मी./से. हो तो दूसरे कण का वह वेग ज्ञात कीजिये जिससे 10 सेकण्ड के उपरान्त आपस में टकरा सकें। [उत्तर- (0.6 i – j+ 0.6k)मी./से
- एक निर्देश तन्त्र में किन्हीं दो कणों की प्रारम्भिक स्थितियाँ x1 = 05 मी. Y1 = 0 तथा x2 = 0.y2 = 0.10 मी. है। यदि प्रथम कण v1= -4001 मी./से. तथा दूसरा कण –j दिशा में v2 वेग से गति कर रहा है तो दूसरा कण कब तथा कितने वेग से टक्कर करेगा? [उत्तर 1.25 x 10-4 से., 800 मी./से.]
- एक कार 60 किमी प्रति घण्टे की समान चाल से चलती हुई पूर्व दिशा की ओर 60 मिनट तक चलती है फिर 20 मिनट तक उत्तर की ओर तथा अन्त में 20 √2 मिनट तक पश्चिम दक्षिण की ओर चलती है। कार का औसत वेग ज्ञात करो। [उत्तर- 16 किमी./घण्टा)
- एक निर्देश तन्त्र 0 में कण की स्थिति r,t) = 2t i + 3 j + 6 k मीटर नापी गई है। यदि एक अन्य निपातन्त्र’ में उसी कण की स्थिगते r (t)= t I + (3 – t) j + 6 k मीटर नापी गई तो तन्त्र से सापेक्ष तन्त्र 0′ के वेग का मान और दिशा ज्ञात कीजिये। (तन्त्रों को जडत्वीय तन्त्र मान लें। [उत्तर- X-अक्ष से 45″ बनाते हुए मी./से. वेग से गतिशील]
- किसी कण के दो निर्देश तन्त्रों 0 तथा O’ में स्थिति सदिश क्रमशः r (t) = (4t + 3) I + (4t2 + t + 1) j + (5t – 3) k एवं r (t)= (3t +3) i + (4t2 +1) j + (4t – 3)k मीटर हो तो।
- तन्त्र 0 के सापेक्ष तन्त्र का वेग ज्ञात करो।
- सिद्ध करो कि दोनों निर्देश तन्त्रों में त्वरण समान होते हैं।। उत्तर- (i + j + K) मी./से.)
- एक निर्देश तन्त्र 0 में कण की स्थिति r (t) = 2t2 i -(3t | 4) j+ (t2 + t + 3) k मीटर है।O तन्त्र के सापेक्ष दूसरा निर्देश तन्त्र O 2 √2 मीटर/सेकण्ड के वेग से चल रहा है जिसकी दिशा x-Y तल में X अक्ष के साथ 45° का कोण बनाती है। t = 0 पर दोनों संपाती हैं। निर्देश तन्त्र में कण का स्थिति सदिश, वेग तथा त्वरण ज्ञात कीजिये।
उत्तर- [r = 2t (t – 1)i – (5t + 4) j+ (t2 + 3)k
v = 2(2t – 1)i – 5 j + (2t + 1) मी./से.
a = 4 i +2k मी./से.]